Showing posts with label हिंदी. Show all posts
Showing posts with label हिंदी. Show all posts

Friday, March 27, 2015

हमारे दिल की खबर न पूछो

हमारे दिल की खबर न पूछो, लाओ जाम भर दो ए साकी,
यूँ जल चूका हैं प्यार में दिल ये, के अब तो दिल में राख़ है बाकी ||

‘गर हम न कहते जो ग़म उसीके, शयेद वो हमसे यूँ रूठती न
रूठ कर जो गई वो हमसे, के अब तो उसकी ग़म ही हैं बाकी ||

बदलदो दुनिया के सारी रस्मे, ये रस्मे बोलो हैं कामकी क्या,
उलझी रही वो रस्मों में ऐसे, हाथ मे जाम और मए थी बाकि ||

शोंची तो होगी उसने बिछड़ के, खोया क्या हमने, पाया भी क्या,
जो हमको सोंचे ये शोंच कर वो, के अब्भी दिलमे याद हैं बाकी ||

Continue reading...

Friday, January 29, 2010

Ujaalon ki or



Ujaalon ki or, badho sajnaa
Dil ki raho me, badho sajnaa
Haath me liye sachhai ki deepak
Andheron se dur, chalo sajnaa...

Chalo sajnaa, usi raha par
Jahan dhoop ho, chhayaa bhi ho
Jahan meet ho, jahan preet ho
Jahan geet ho, gungunate chalo
Chalo sajnaa, us mod taq
Jo aaye to bas, to hi jeet ho
Jahan sur aur saaz eksaath chale
Sargam hi naa ho, sangeet bhi ho...

Andheron se tum ghabrana nahi
Andherein to pag pag saath chalein
Apni shraddha rakkho ujaalon ki or
Aur chalte raho, jahan dil le chale...

Badho sajnaa, usi path par
Jahan kaatein ho, phool bhi ho
Sirf moti na ho, sirf manzil na ho
Jahan badalon si garm dhool bhi ho
Badho sajnaa, dil ki raho pe tum
Roshni ka jahan ek jhalak bhi dikhe
In andheron se dur badhte jaao
Jahan chaaro taraf ujaalaa hi ho...


Continue reading...

Sunday, January 17, 2010

Kaash aysa ho


Kaash aysa ho, ke mujhe tu yaad kare
aur meri yaad tujhe sone naa de,
ek dusre ki bahon me bitayein hue wo haseen lamhe
tujhe yaad aye, aur sone naa de.

kaash aysa ho, ke main tujhe yaad ayun
har ahat pe tujhe lage ke main hun yehin kahin
har dhadkan se tujhe mere hone ka ahsaas ho
aur wo ehsaas tujhe saari raat, sone na de.

tere ankhon me base hue hain, jo mere khwab
tu unko palkon taq aane kyon nahi deti,
tere dil me mujhse milne ki hai jo junoon
tu use haqikat me badalne kyon nahi deti?

kyon nahi kehti ke tujhe bhi mujhse pyar hai?
kyon nahi kehti ke ye duriyaan tujhe bhi tadpati hain,
bilakti, sulaghti hogi tu bhi mere judaai me
apne aap ko mujhme samane kyon nahi deti?

kaash aysa ho, ke tu yaad kare wo haseen pal
jo humne saath guzare the, ankhon ankhon me
wo din jo jhilmilaye the kabhi apne saath
wo raatein jo humne bitaye the, baaton baaton me.

kaash aysa ho, ke mujhe tu yaad kare
aur meri yaad se teri ankhen bhar ayein
bhari ankhein ho jaaye bojhal humari sapno se
aur tu soye. jaagna na pade tujhko aur raaton me...

Continue reading...

Friday, January 15, 2010

Manmauji



Manmauji Manmauji
saade dil vich hai jo anand
us anand ko vekko ji
saade dil vich hai jo pyar
us pyar ko vekko ji

mere pehle bhi kitne ayein
mere baad bhi ayenge
jo bole so nehal hove
"Sat Shree Akaal" boloji
Manmauji Manmauji

dil me kuch jubaan me kuch aur
dhoka khud ko na dena
jo hai Allah wohi rakhwala
"Allah hu Akbar" boloji
Manmauji Manmauji

kehat Kabir suno bhai saadho
paap man me na le ana
bhatke hue ko rah dikhave
man me "Ram" boloji
Manmauji Manmauji

Manmauji Manmauji
thwade dil vich hai jo jasba
us jasba ko vekko ji
thwade dil vich bhi hai pyar
us pyar ko vekko ji

inna sara pyar hai dil vich
kade taan wo bhi vekko ji
Manmauji Manmauji...




I've put this one in English script to enable my readers, who do not know how to read Hindi. I want more people to read it; and I believe the message in this poem cannot wait until they learn the Hindi script! May put it in Hindi Script in sometime too...

Continue reading...

Thursday, May 14, 2009

तेरे लिए...


अगर तू मुझको पढ़ रही है, तो मुझसे ज्यादा खुश और कोई नहीं... ये महफिल तेरी सजाई हुई है... ये रौशनी तेरी की हुई है, ये आलम तेरा किया हुआ है... तू कहती है मैं भूल जून - तू कहती है मैं पास न आयुं... लेकिन मैं जून भी तो कहाँ जाऊँ? हर गली तेरी घर से होके गुज़रती है... हर रास्ता तेरे रस्ते से जुर जाती है... दिल कहता है के मैं तुझे भरी महफिल में रुसवा कर जाऊँ, और तू कहती है के मैं चुप ही रहूँ... बेबसी, नाकामी और तेरी याद मुझे सोने नहीं देती... मैं भटकता रहता हूँ उन्ही गलियों में, जहाँ से कभी तू गुज़रा करती थी...


तेरे बिन ना जीना है ना मरना,
बिन तेरे ना है एक पग भी चलना

तेरे बिना सुना है आलम सारा,
बीते दिन ना आएंगे लौट के दोबारा

वो बीते दिन क्यों याद आये,
पल पल मुझको तेरी ही याद सताये

शयेद कभी तुझे भी हम याद आयें
तेरे बिन सुनी है मेरी दिलकी वो राहें


Cross posted at: The Writers Lounge on May 6, 2009

Continue reading...

Sunday, April 12, 2009

तेरे दोस्त हैं यहीं


अपनी ज़हेन में झांक के देख
तेरे दोस्त हैं यहीं

अपने आप में ढून्द्के देख
तेरे दोस्त हैं यहीं

हवायों में देख
फिजाओं में देख
हर वो आइना, जो टूट चूका है
हर वो पल, जो बीत चूका है
उन लम्हों में देख
तेरे दोस्त हैं यहीं

अपने उम्मीदों से पूछ
अपने दिल की गहराईयों से पूछ
हर वो धड़कन, जो धड़क चूका है
हर वो जाम, जो छलक चूका है
उन खाली पय्मानो से पूछ
तेरे दोस्त हैं यहीं

और अगर फिरभी ना मिले कोई
तो ए यार मेरे
मेरे पास आ, तेरा भुला हुआ वो दोस्त
यहाँ है... यहीं पर है


Crossposted at: The Writers Lounge on March 18, 2009

Continue reading...

है तुझे कसम

है तुझे कसम
तूफान में घिरके ना खोना अपने आपको
हर रह तेरी होगी बुलंदियों की और ।

है तुझे कसम
अपनी मौत ना बना लेना अपने खौफ को
उम्मीद से बांधले अपनी जीवन की डोर ॥

है तुझे कसम
काँटों को करने दे अपनी राहों की हिफाज़त
काँटों से घबराकर चलना ना छोर ।

है तुझे कसम
ये जीवन है सुख और दुःख की बनावट
दुःख से घबरा कर अपनी रहे ना मोर ।।


Crossposted at: The Writers Lounge on March 18, 2009

Continue reading...

Friday, April 10, 2009

मलिका-ए-हुस्न


मलिका-ए-हुस्न
तेरा चर्चा आम है
तेरे दर पे भटकना ही तो
आशिकों का काम है...

खामोश तू रही
कभी कुछ भी कहा नहीं
चाहती तो तू, जिन्दगी दे देता, पर
जिन्दगी अपनी तो अब और रहा नहीं...

तुझे धुन्दने को अब जी करता है
तुझे देखने को अब जी करता है
जबसे तेरे होटों पे नाम आया है अपना
तेरे होटों को छूने को जी करता है...

ये मिलन की रात है आखरी
इसके बाद का कुछ पता नहीं
याद रखना या भूल जाना
इसमें होगी तेरी कुछ खता नहीं...

मलिका-ए-हुस्न
तेरा ख्याल दिल में ही होगा
जब भी चर्चा हुस्न की होगी
तो सिर्फ तेरा चर्चा ही होगा
तेरे जाने के बाद तेरा ही इंतज़ार होगा...



बहोत दर्द होता है जब कोई छुट जाता है दर्द और भी ज्यादा होता है जब कोई अंजना सा ये कहके बिछडे के आप उसके लिए बहोत मैंने रखते हैं कोई कहे और कहके चला जाये, और आपको तनहा, अकेला, बेकरार, बेचैन और परेशान छोड़ जाये, तो दर्द तो होना ही है... ये ऐसी ही एक दर्द भरी कविता है...

Continue reading...

Thursday, April 2, 2009

काश, you were near!

तारीफ़ क्या करूँ, ए हुस्नवाले
जब से पाया है तुझको नज़रों में
तारीफ़ क्या करूँ, ए हुस्नवाले
दिल हुआ तेरे हवाले
अब चाहे तू हमे भूले
हम मिलेंगे तुझे हजारों में
तारीफ़ क्या करूँ, ए हुस्नवाले
जब से पाया है तुझको नज़रों में

If you would have had a few more moments for me
If you could just wait for long
I would paint my love for you to see
If you would have had a few more moments for me
I could have brought the whole world to thee
I would have sung you a beautiful song
If you would have had a few more moments for me
If you could just wait for long


ये हमारी मुलाकाते
कितनी अधूरी सी है
तुमसे कहनी है जो बातें
ये हमारी मुलाकाते
काटे कटे नहीं ये रातें
पास हो कर भी दूरी सी है
ये हमारी मुलाकाते
कितनी अधूरी सी है



In a world so small
I wish to live with you
In a world so small
Together, we stand tall
And after all
I wish to die with you
In a world so small
I wish to live with you


क्या तुमसे कहूँ
दिल में जो तूफ़ान है
मैं कैसे कहूँ
क्या तुमसे कहूँ
या चुप ही रहूँ
दिल में जो अरमान है
क्या तुमसे कहूँ
दिल में जो तूफ़ान है


There's no one here
Just you and me
There's no fear
There's no one here
We are so near
Nothing else we could see
There's no one here
Just you and me

Continue reading...

Wednesday, April 1, 2009

तेरी निगाह



तेरी हर बात में मुझे प्यार नज़र आता है
तेरी हर मुस्कान पे जान निसार करना चाहता हूँ
तेरी होटों में मुझे इकरार नज़र आता है
तेरी हर बात में मुझे प्यार नज़र आता है
तेरी निगाह कुछ बेकरार नज़र आता है
तेरी हर नज़र में मैं प्यार भरना चाहता हूँ
तेरी हर बात में मुझे प्यार नज़र आता है
तेरी हर मुस्कान पे जान निसार करना चाहता हूँ ...


I tried to write a triolet in Hindi here. I always try to experiment with different forms of poetry and story writing. I enjoy writing in all the languages I know. I started writing in Bengali and English and later on, I moved to Hindi too. I will try to write a few more Hindi poems following different styles. Let’s see if my readers like my trials.
Well, enjoy reading me!

Continue reading...

Tuesday, March 24, 2009

तुम



तुम में खोजाना चाहती हूँ..
लुटजाना चाहती हूँ..
खुद को भूलजाना चाहती हूँ..
अगर हक दो तो..

तुम से जुड़जाना चाहती हूँ..
मिलजाना चाहती हूँ..
खुद को भुला देना चाहती हूँ..
अगर हक दो तो..

तुम से नाम हमारी है..
शान हमारी है..
तुम से पहचान हमारी है..
अगर समझो तो..

तुम में जान हमारी है..
मान हमारी है..
तुम से ज़मीं और आसमान हमारी है..
अगर समझो तो..

तुम से है चाहत
तुम में है राहत
हमारी हर आहट
में तुम हो..

तुम हो अब आदत
तुम मोहब्बत
हमारी हर करवट
में तुम हो..

The Girl In Me Speak Again!!

Continue reading...

Wednesday, March 4, 2009

कहाँ हो तुम?


तेरी आँखों में मैं
खो गया हूँ
कुछ इस तरह से
जैसे बादल में खो जाता है चन्द्रमा ।

तेरी होंटों को
छूने की चाहत है
कुछ ऐसा
जैसे वोही मेरे दिलकी है रहनुमा ।

तेरी गेसुओं की तले
रात भर सोना चाहता हूँ
तेरी बाँहों में आके
आँख भर रोना चाहता हूँ,
तुझे ढूंढे मेरी हर साँस
तुझे पुकारे आता जाता हर लम्हा ॥

Sahityika suggested the second stanza to be like this (3/5/09):

तेरे होंटों को
छूने की चाहत है
कुछ ऐसी
जैसे तू ही मेरे दिल की है रहनुमा ।


Continue reading...

Friday, February 13, 2009

अनोखी बात

Here is my view in its continuation।



ये कैसा मोड़ आया है जीवन में
उमंग है और जोश भी
आँखों में है मदहोशी पर
जेहन में है होश भी ।
कल तक मैं समझता था
के कोई आयेगा और पुचकारेगा
ना है अब किसीका इंतज़ार, ना घबराहट
कुछ लावा है दिलमे और कुछ आक्रोश भी ॥

आज ऐसा क्या हुआ है?
चिडियां अचानक ही गीत गाने लगे
हर तरफ़ है कुछ खुशी सा, फेला हुआ
लोग और भी प्यारे नज़र आने लगे ।
कुछ छुट गया, कुछ छुटने वाला है
शीशे का दिल मेरा भी टूटने वाला है
दिल बर्दाश्त ना कर सका ये तन्हाई
जो मिले, हम उन्हिसे मोहब्बत करने लगे ॥

Continue reading...

Thursday, February 12, 2009

इन्तेज़ार


किसीके इन्तेज़ार में
बय्ठे हैं हम राहों में
बरसो बीत गये
ना कोई आया
ना आँखों के समीप
नाही मेरे खयालों में ॥

प्यार तो नहीं था
पर प्यार के ही राहों में हम थे,
ना ज़मीन, ना आसमान था
हर जगह बस हम ही हम थे ।

साहिलों में बय्ठे हुए
उस पार सुरजको डूबते और निकलते हुए देखा
बंध मुट्ठी मे से जैसे रेत निकलती हो
कित्ने ही लम्हे हमने वैसे फिसलते हुए देखा ।

किसीके इन्तेज़ार में
बय्ठे हैं हम राहों में
खूब रोये पर
किसीने याद नहीं की
ना बयठाया पलकों पे किसीने
नाही अपने बाहो में ॥

Continue reading...

Friday, February 6, 2009

तेरे बिना

सुनी सुनी होगी ये ज़िन्दगी तेरे बिना,
मसले फूलों सी होगी ये ज़िन्दगी तेरे बिना ।
जिस राह से तू गुज़रा करती थी हमेशा से
उस राह में ही रुकी होगी ये ज़िन्दगी तेरे बिना ॥

जितना प्यार तुने दिया है मुझको,
शयेद ही मैं उतना प्यार किसीसे अब कर पाऊं
तेरे साथ साथ कभी चल तो न सका,
शायेद तेरी राह ताकते हुए ही मैं मर जाऊँ ।
आंखें प्यासे, पलकें बोझल, नींदें गूम हो जाएँगी, तेरे बिना ॥

कल अगर तू चली जायेगी
तो आँखों से नूर चला जायेगा
कोई जो कभी भी पास नहीं थी,
अब सदा के लिए दूर चला जायेगा ।
फिज़ा वीरां, समां खामोश, राहें सुनी हो जाएँगी, तेरे बिना ॥


बहोत हो गया यूँ रातों को जागना
यूँ पलकें उठाके खिड़की से ताकना
तू कभी नहीं आई, न आने का पय्गाम भेजी
अब जा राही है, तो मेरा दिल भी साथ रखना ।
लोग बैमान, ज़माना गैर, अपने पराये हो जायेंगे, तेरे बिना ॥

मत जा, ए दोस्त मेरे
एक बस येही आरज़ू है दिलमे
फूल हज़ारों फिर से खिलेंगे
रौशनी फिरसे छा जायेगी मेहफिल्मे ।
दिल अकेला, प्यार नासूर, धड़कनें खामोश हो जाएँगी, तेरे बिना ॥

Continue reading...

Thursday, January 29, 2009

मेरी ज़िन्दगी



खूब होता अगर तुम न होते
हम रातों को निंदभर सोते
खुश तो हम शायेद न होते
पर अकेले यूँ फिर न रोते...

ज़माने की परवा नही थी हमे
ज़माना हमारी किस काम की?
प्यार कभी तुने किया ही नही
साथ चली, पर बस नाम की ।

ज़िन्दगी तुमको हम
क्या कहे अब कहो
चाहो अगर तुम
दो घरी और रहो ।

तुम जो हो तो जिए जा रहे हम
खूब होता अगर तुम न होते ...



Tejpur, Assam
July 5, 2005

Continue reading...

मेरे गम





















तुम न हुए गम तो फीर
हम जीए साहारे किसके
मौतआए तो लौट जाना
घरी भर ठहरो तो सही -
साथ चले उम्रभर हमारे
तो थोड़ी देर और सही ।

भूल सकता नही उन्हें
हर बार जो दगा देते हैं
हैं अनजान वफ़ा से पर
इल्ज़ाम-ऐ-वफ़ा देते है
आकर् साथ मेरे उनसे तुम
मिलो तो सही -


हमे अनजाम-ऐ-मुहब्बत का इल्म
हो या न हो
दौलत-ऐ-इश्क का गुमां
हो या न हो
इल्तेजा इत्नी है, हकीक़त-ऐ-बयाँ
हो तो सही -



Jorhat, Assam
July 3, 2005

Continue reading...

शब्द, कुछ शब्द

शब्द, कुछ शब्द -
. जिन्हें जोड़के कहानिया बनी
. जिन्हें मोड़के रास्ते बनाये गए ...
. कुछ ऐसे ही शब्दों का दास्ताँ है ये ज़िन्दगी ll



शब्दों के हैं कोई बादशाह तो कोई गुलाम है
शब्द - कहीं अघाज़ तो कहीं अंजाम है
शब्दों से तुम तुम हो, हम हम हैं
शब्दों से कोई मशहूर तो कोई बदनाम हैं
शब्दों से लुटाये गए कुछ नगमे
शब्दों से बंधे गया कुछ रिश्ते
शब्दों से ही उभर आती है खुशी
शब्दों से छुपाये गए कुछ गम हैं!

शब्दों में मिलन का पय्गाम होता है
शब्दों में कुछ खास तो कुछ आम होता है
शब्दों से ही कोई बड़ा, कोई छोटा है
शब्द - कहीं रहीम तो कहीं राम होता है ...
शब्द जो जुड़े तो इतिहास रची
शब्दों से क्रांति और आन्दोलन मची
शब्दों से बनी है कितने ही कबितायें
शब्दों से ही हर कवि का एक अलग नाम होता है!


शब्द, कुछ शब्द -
. जिनहें जोडके कहानिया बनी ll



Jorhat, Assam
June 30, 2005

Continue reading...

Wednesday, January 28, 2009

बेवफा दिल


दिल का क्या है
दिल तो लग जाती है वहां
जहाँ दिल लगाना मुनासिब न हो,
शरतें वफ़ा का ऐसी ही है यारो
दिलको क्यों बेवफा कहें?

हमने तेरे खातिर सनम
दिलको समझाएं बहोत,
उरती पंछी, बहता बादल को देखकर
दिल भी उरना चाहे कभी तो
दिलको क्यों बेवफा कहें?

एक ही ज़िन्दगी है हमारी
तेरे नाम जो कर दी है
तेरे हाथों में है दिल हमेशा
तेरे प्यार में डूबा हुआ है दिल
फिर बेवफाई क्यों करें?

Continue reading...

Saturday, December 6, 2008

दिल का कारवाँ लूट गया

दिलके टुकरे हो गए तो
अश्क़ ये निक्ल परे
जो बोये सो पाया हैं हमने
अब कैसी शिकायत करे

जीन गलिओं में
हम चले थे
हर मोर पे ठोकर मिला
जिस् चमन का
माली बने हम
एक भी न फूल खिला
वास्ता दे किस्को अपनी प्यार का
कौन हैं जो मेरी वफ़ा पे गौर करे ...

सब कुछ लूटाके
देखा हमने
दिल का कारवाँ लूट गया
देखा था जिस्मे
सुन्हेरे सपने
वोही शीशा टूट गया,
रहा ना जगमे कोई अपना या पराया
किस्को समझाए, किस्के आगे हाथ जोरे ...
Continue reading...