सुनी सुनी होगी ये ज़िन्दगी तेरे बिना,
मसले फूलों सी होगी ये ज़िन्दगी तेरे बिना ।
जिस राह से तू गुज़रा करती थी हमेशा से
उस राह में ही रुकी होगी ये ज़िन्दगी तेरे बिना ॥
जितना प्यार तुने दिया है मुझको,
शयेद ही मैं उतना प्यार किसीसे अब कर पाऊं
तेरे साथ साथ कभी चल तो न सका,
शायेद तेरी राह ताकते हुए ही मैं मर जाऊँ ।
आंखें प्यासे, पलकें बोझल, नींदें गूम हो जाएँगी, तेरे बिना ॥
कल अगर तू चली जायेगी
तो आँखों से नूर चला जायेगा
कोई जो कभी भी पास नहीं थी,
अब सदा के लिए दूर चला जायेगा ।
फिज़ा वीरां, समां खामोश, राहें सुनी हो जाएँगी, तेरे बिना ॥
मसले फूलों सी होगी ये ज़िन्दगी तेरे बिना ।
जिस राह से तू गुज़रा करती थी हमेशा से
उस राह में ही रुकी होगी ये ज़िन्दगी तेरे बिना ॥
जितना प्यार तुने दिया है मुझको,
शयेद ही मैं उतना प्यार किसीसे अब कर पाऊं
तेरे साथ साथ कभी चल तो न सका,
शायेद तेरी राह ताकते हुए ही मैं मर जाऊँ ।
आंखें प्यासे, पलकें बोझल, नींदें गूम हो जाएँगी, तेरे बिना ॥
कल अगर तू चली जायेगी
तो आँखों से नूर चला जायेगा
कोई जो कभी भी पास नहीं थी,
अब सदा के लिए दूर चला जायेगा ।
फिज़ा वीरां, समां खामोश, राहें सुनी हो जाएँगी, तेरे बिना ॥
बहोत हो गया यूँ रातों को जागना
यूँ पलकें उठाके खिड़की से ताकना
तू कभी नहीं आई, न आने का पय्गाम भेजी
अब जा राही है, तो मेरा दिल भी साथ रखना ।
लोग बैमान, ज़माना गैर, अपने पराये हो जायेंगे, तेरे बिना ॥
मत जा, ए दोस्त मेरे
एक बस येही आरज़ू है दिलमे
फूल हज़ारों फिर से खिलेंगे
रौशनी फिरसे छा जायेगी मेहफिल्मे ।
दिल अकेला, प्यार नासूर, धड़कनें खामोश हो जाएँगी, तेरे बिना ॥
मन में भावना अच्छी होनी चाहिए तो ऐसा गीत अपने आप जनमता है!
ReplyDeletedhadkane khamosh keh rahi hai ye,
ReplyDeleteeek bar aa jao lotke,
aur bata de kaise katu ye zindagi ,
na me jii raha hu na mar raha hu tere bina..
hey nice one tan :), couldn't held myself back :)
धन्यबाद विनय |
ReplyDeleteJack, बहोत अच्छा लगा तुम्हारा चार lines | Were very good and quite apt. I'm happy that my poem could inspire you. एक काम क्यों नही करते? एक बड़ा सा कबिता क्यों नही लिखते ... सबको अच्छा लगेगा..
oh ya can do that but i am not very good at hindi :)... but can always try
ReplyDeletevery good poem indeed...keep it coming
ReplyDeleteThanks Aviral, for visiting and liking my poem. Your comment is always an encouragement!
ReplyDeletegood yaar
ReplyDeleteacchi likhi hai
fir se last para me bhaak gaye ho aur matra ki gadbad hai
ab isame tumane likha hai masale fulo isaki jagah murjhaye fulo ye use karo better rahega
me tumhara blog follow karunga aur help karta rahunga mere blog ko follow karna tumahe help milegi
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