दिल का क्या है
दिल तो लग जाती है वहां
जहाँ दिल लगाना मुनासिब न हो,
शरतें वफ़ा का ऐसी ही है यारो
दिलको क्यों बेवफा कहें?
हमने तेरे खातिर सनम
दिलको समझाएं बहोत,
उरती पंछी, बहता बादल को देखकर
दिल भी उरना चाहे कभी तो
दिलको क्यों बेवफा कहें?
एक ही ज़िन्दगी है हमारी
तेरे नाम जो कर दी है
तेरे हाथों में है दिल हमेशा
तेरे प्यार में डूबा हुआ है दिल
फिर बेवफाई क्यों करें?
दिल तो लग जाती है वहां
जहाँ दिल लगाना मुनासिब न हो,
शरतें वफ़ा का ऐसी ही है यारो
दिलको क्यों बेवफा कहें?
हमने तेरे खातिर सनम
दिलको समझाएं बहोत,
उरती पंछी, बहता बादल को देखकर
दिल भी उरना चाहे कभी तो
दिलको क्यों बेवफा कहें?
एक ही ज़िन्दगी है हमारी
तेरे नाम जो कर दी है
तेरे हाथों में है दिल हमेशा
तेरे प्यार में डूबा हुआ है दिल
फिर बेवफाई क्यों करें?
Wah wah kya baat hai............. Tan ami toh tor hindi kobita pore mughdho.......... darun....... keep posting and each time u do please lemme kno so that i can read em all and leave comments on them............. Keep it up..........!!!
ReplyDeletebeautiful poetry tan.. didnt know you could express so well hindi too..kudos!!
ReplyDeleteअच्छी कविता है।
ReplyDeleteहिन्दी में और भी लिखिये। कृपया यदि हिन्दी में ही लिखने की सोचें तो अपने चिट्ठे को हिन्दी फीड एग्रगेटर के साथ पंजीकृत करा लें। इनकी सूची यहां है।
very nice flow of thoughts indeed
ReplyDeletebadhiya hai.........
ReplyDeletekuch aage baden??????????
bahut khub
ReplyDelete@ Pink Orchid / Kajal
ReplyDeleteThanks for the complement ... I'm posting a few more poems that I wrote a few years ago ... please read the same and let me know if you like it
@ उन्मुक्त
Thanks for the information. I have visited "हिन्दी - चिट्ठे एवं पॉडकास्ट", however, I could not list my blog there ... moreover, मैं सिर्फ़ हिन्दी में नही लिखता हूँ इस ब्लॉग पर. कुछ कवितायेँ और कहानिया English में भी हैं. क्या मेरा ब्लॉग वहां सामिल किया जाएगा? यदि हाँ, तो मुझे थोड़ा details में समझियेगा.
@ Aviral and Makrand
Thanks for visiting and appreciating my poem. मैं कुछ और कवितायेँ post कर रहा हूँ ... let me know if you lke them
@ पहाड़ी
आगे बढे? हा हा हा हा ... कैसे बढे आगे? Thanks for visiting my blog.
हिन्दी चार और भी अच्छे फीड एग्रेगेटर हैं जो उसी पृष्ट में लिखे हैं पर शायद उनकी भी शर्त यही है कि वह हिन्दी के चिट्ठों को शामिल करते हैं। यह इसलिये की वे हिन्दी को प्रोत्साहित करना चाहते हैं।
ReplyDeleteक्यों नहीं आप दो चिट्ठे - एक हिन्दी और एक अंग्रेजी में बना लें और हिन्दी वाले को पंजीकृत करायें।