Here is my view in its continuation।
ये कैसा मोड़ आया है जीवन में
उमंग है और जोश भी
आँखों में है मदहोशी पर
जेहन में है होश भी ।
कल तक मैं समझता था
के कोई आयेगा और पुचकारेगा
ना है अब किसीका इंतज़ार, ना घबराहट
कुछ लावा है दिलमे और कुछ आक्रोश भी ॥
आज ऐसा क्या हुआ है?
चिडियां अचानक ही गीत गाने लगे
हर तरफ़ है कुछ खुशी सा, फेला हुआ
लोग और भी प्यारे नज़र आने लगे ।
कुछ छुट गया, कुछ छुटने वाला है
शीशे का दिल मेरा भी टूटने वाला है
दिल बर्दाश्त ना कर सका ये तन्हाई
जो मिले, हम उन्हिसे मोहब्बत करने लगे ॥
....??? are u in love again...???
ReplyDelete....काबिले तारीफ़ लिखा है. बधाई स्वीकारें।
ReplyDeletekhubsoorat ... bahut sundar.. tan it was really very good.. :)
ReplyDeleteThank mates for reading me ... your words always encourages me to write more ... Will do my best!
ReplyDelete:)
isame accha likha hai bas last para me tum line se bhatak gaye ho
ReplyDeletemere poem vale blog ko dekho umeed karta hu tumahe madad milegi
ReplyDeleteक्या प्यार हो गया :-)
ReplyDeleteअच्छी कविता है हिन्दी में और भी क्यों नहीं लिखते।
@ Chirag
ReplyDeleteधन्यवाद चिराग, तुम्हारे टिपण्णी के लिए ... मैं तुम्हारा ब्लॉग हमेशा देखता हूँ ... और तुम्हारा टिपण्णी ख्याल में रक्खूँगा ...
@ उन्मुक्त
हिन्दी में मैं लिखता हूँ, लेकिन कोशिश ये रहती है के जिस भाषा में अच्छा से भाव ब्यक्त हो सके उसी में लिखने का चेष्टा करता हूँ... मेरे हिन्दी लेखों पर और टिप्पणिया करो ... अच्छा बुरा लिक्खोगे तभी मुझे ठीक पता चलेगा ...