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Thursday, October 30, 2008

खुश रहना यार मेरे

खुश रहना यार मेरे
दिल की दुआ है अब ये
कह राही है हर एक सदा
जहाँ की हर ख़ुशी तुझे मिले

तुझसे प्यार पाके,
हुई हसरतें मेरी पूरी
शयेद मैं नहीं था काबिल
इस लिए है अब ये दुरी

अब जब दूर है तू
मेरी ज़िन्दगी से निकलके
तुझे याद करती है बस
मेरी सांसें, हलके हलके

प्यार बहोत की हमने
तेरी हर एक अदा से
वो हसीं पल रहेगी साथ
जब निकलू मैं इस जहाँ से

खुश रहना यार मेरे
रहे जब तक ये चाँद तारे,
ज़िन्दगी ये हम जी लेंगे
तेरी यादों के सहारे

11:03 PM 10/30/2008
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Tuesday, September 9, 2008

तेरे लिए है ..

मेरे नग्मे, मेरे सप्ने
है तेरे लिए - है तेरे लिए

खुली आँखें ढूंढे तुझ्को
जो भर आए तो झुक जाए
तेरी छोटी सी हँसी के लिए
काएनात रुक जाए ..
ये ज़मीं से आसमां तक सभी
है तेरे लिए - है तेरे लिए


कोई पूछे तो हम कह्दे
ज़माना क्या दिया हमको,
तुझे माँगा जब भी माँगा
पर तुझे, क्या दिया हमको?
जिन्दगी में जो मिला है वो
है तेरे लिए - है तेरे लिए


12:39 AM 9/9/2008
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तुम ही तुम हो...

कैसे मैं कहदुं
तुम मेरे क्या हो,
तूफ़ान में जैसे
तुम असरा हो,
दिलमे समाई रहती हो हमारी
मेरी मंजिल हो तुम
तुमहि रास्ता हो

फूलों में तुम हो
फिज़ाओं में तुम हो
बोझल है साँसे
हवाओं में तुम हो,
दिलसे निकलके जो पहोचे दिलतक
उन सदाओं में हो तुम
मेरी आहो में तुम हो

12:25 AM 9/9/2008
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Thursday, August 7, 2008

दो नगमे

== १ ==

लो आ गयी है फिर वो रात
कह भी दो जो है दिल में बात,
मंजिलें अगर ना भी मिले
दे तो दो राहों में साथ.

मंजिल भी तू ही है
रास्ता भी तू
जो ले चले तुझ तक
में वो रस्ते में हूँ.

होंगे मंजिल अपने पास
मिल जाये अगर तुम्हारा साथ
दूर तलाक है चलना हमें
दे तो दो हाथों में हाथ!

== २ ==

न जी सकेंगे साथ तेरे
न मर सकेंगे तेरे संग
हम तुम ना एक होंगे
है हमारे अलग ही रंग,
ये दिल है तेरा
तेरा ही रहेगा
जब होगी बात तेरी
होगी नयी उमंग!


5/28/2007
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Thursday, July 31, 2008

कब मिलेंगे तेरे मेरे राहें?

ये दिल कभी तो तेरे पास है
बहोत ही खास है
और कभी तुझसे दूर जाना चाहे ...

ये दिल तेरा हो गया है
तुझमे ही खोया है
पर फिरभी तुझको पाना चाहे ...

सोचूं में हर घरी बस येही अब
कब मिलेंगे तेरे मेरे राहें?

जब में देखूं तुझे दूर से
लगती हैं तू अजनबी
जब मेरे पास होती है तू
खिल उठती है मेरी जिन्दगी

तू कहीं भी रहे पर जनले ये
तुझतक आती है मेरी सदाएं!

8:18 PM 7/31/2008


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Sunday, July 13, 2008

ज़रा ज़रा

तुमसे युहीं मिलके
राज़ सारे दिलके
खोले मन् ज़रा ज़रा
खोले मन् ज़रा ज़रा

दिलमे मेरे तुम हो
धडकनों में तुम हो
फिर भी न जाने क्यों तुम
रहती गुमसुम हो
दिल की हर बात आज
बोलो तुम ज़रा ज़रा
बोलो तुम ज़रा ज़रा

महफिलों में दिल आज
रहता अकेला है
सागर नदी के पास है पर
बहता अकेला है
आओ मेरे साथ आज
दोलो तुम ज़रा ज़रा
दोलो तुम ज़रा ज़रा


3:52 PM 6/25/2008

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Tuesday, October 2, 2007

Hum aye the!

Backdrop: One of my friends, who have been writing lately sent me a mail with a thought of her। Asked my comments। The poem was in Hindi and was very tempting (for a reply poem)। Sorry to not include that poem here (to avoid violation of IPR)। So, this was my reply ...

हम आये थे तेरे दर पे,
बनके दीवाना कोई
पत्तों कि हुई थी सरसराहट
हवा मे थी हमारी आने कि अघाज़

हम आये थे तेरे दर पे, बनके दीवाना तेरा
लाए थे एक दिल तेरे लिए,
प्यार मे दुबोया हुआ;
प्यार से सजाया हुआ।

हम आये थे, मगर लौटना परा दरवाज़े से
तू नही थी, हम ढूंढे बहोत;
कहीं नही थी, हम पुकारे बहोत!

हमारी आखों मे था एय्त्बार, जो तुने देखा था कभी
हमारी आहों मे था इकरार, जो तुने समझा था कभी
शयेद कोई वादा कर लिया था, निगाहों ने हमारी,
शयेद तेरी आंखों से अपने दिलमे झाँक लिया था कभी.

वफ़ा ना कर सके हम; बेवफाई भी तो नही कि
तेरा नाम लेके तेरी रुसवाई भी तो नही कि!

हम आये थे तेरे दिलमे, ख़ुशी है हमे
इस लिए के तेरे दिल से होकर गुज़रे थे कभी,
तेरे दिल को aashiyanaa ना बाना पाया तो क्या?

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Saturday, March 31, 2007

Unse door rehke ... ye khayaal aayein :)

एक पल
जींवन मे एय्सा भी हो
जब ना हो तू साथ मे
तेरी एहसास भी ना हो!
एय्सा हो अगर
तो फिर कैसा लगे?
जैसे जियुं मैं,
पर जीने कि ख्वाहीस ना हो!!


=== 2 ===

बहोत मेहेर्बानी हो तेरी अगर तू आये और फूल हमें भेजा ना करे
उनसे तेरी खूस्बू तो मिल जाती है
पर दीदार-ए-गुल, ये दिल भला कैसे करे?

=== 3 ===

एहसान तो कर
मेरी जान तो कर
इन ज़ुल्फो को खुली रहने दे
मेरे पास तो आ
इतना ना सता
दिल चाहता है जो - वो कहने दे।
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Sunday, February 18, 2007

ये आँखें है तेरी
या झील है कोई।
इन्हें छोड़ के हम जाएँ तो कहॉ जायेंगे ...
दूर नही हम निगाहों से तेरी
दिल से पुकार
हम लौट आएंगे ...

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Saturday, September 30, 2006

हम रखते है याद तुम्हारी...
तुम्हे हमारी हो ना हो...
प्यार है तुमसे, हमको,
तुम्हे हमसे हो ना हो ...
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Monday, September 18, 2006

आसान नही है जिन्दगी का सफ़र
यहाँ तुझे ठोकर, तो कभी सहारा मिलेगा,
ठोकरों से घबरा के चलना ना छोड़ राही -
हर रह पे तुझको नया कारवां मिलेगा!
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