Saturday, March 31, 2007

Unse door rehke ... ye khayaal aayein :)

एक पल
जींवन मे एय्सा भी हो
जब ना हो तू साथ मे
तेरी एहसास भी ना हो!
एय्सा हो अगर
तो फिर कैसा लगे?
जैसे जियुं मैं,
पर जीने कि ख्वाहीस ना हो!!


=== 2 ===

बहोत मेहेर्बानी हो तेरी अगर तू आये और फूल हमें भेजा ना करे
उनसे तेरी खूस्बू तो मिल जाती है
पर दीदार-ए-गुल, ये दिल भला कैसे करे?

=== 3 ===

एहसान तो कर
मेरी जान तो कर
इन ज़ुल्फो को खुली रहने दे
मेरे पास तो आ
इतना ना सता
दिल चाहता है जो - वो कहने दे।

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Tan :)

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