Here is my view in its continuation।
ये कैसा मोड़ आया है जीवन में
उमंग है और जोश भी
आँखों में है मदहोशी पर
जेहन में है होश भी ।
कल तक मैं समझता था
के कोई आयेगा और पुचकारेगा
ना है अब किसीका इंतज़ार, ना घबराहट
कुछ लावा है दिलमे और कुछ आक्रोश भी ॥
आज ऐसा क्या हुआ है?
चिडियां अचानक ही गीत गाने लगे
हर तरफ़ है कुछ खुशी सा, फेला हुआ
लोग और भी प्यारे नज़र आने लगे ।
कुछ छुट गया, कुछ छुटने वाला है
शीशे का दिल मेरा भी टूटने वाला है
दिल बर्दाश्त ना कर सका ये तन्हाई
जो मिले, हम उन्हिसे मोहब्बत करने लगे ॥
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