दिल का क्या है
दिल तो लग जाती है वहां
जहाँ दिल लगाना मुनासिब न हो,
शरतें वफ़ा का ऐसी ही है यारो
दिलको क्यों बेवफा कहें?
हमने तेरे खातिर सनम
दिलको समझाएं बहोत,
उरती पंछी, बहता बादल को देखकर
दिल भी उरना चाहे कभी तो
दिलको क्यों बेवफा कहें?
एक ही ज़िन्दगी है हमारी
तेरे नाम जो कर दी है
तेरे हाथों में है दिल हमेशा
तेरे प्यार में डूबा हुआ है दिल
फिर बेवफाई क्यों करें?
दिल तो लग जाती है वहां
जहाँ दिल लगाना मुनासिब न हो,
शरतें वफ़ा का ऐसी ही है यारो
दिलको क्यों बेवफा कहें?
हमने तेरे खातिर सनम
दिलको समझाएं बहोत,
उरती पंछी, बहता बादल को देखकर
दिल भी उरना चाहे कभी तो
दिलको क्यों बेवफा कहें?
एक ही ज़िन्दगी है हमारी
तेरे नाम जो कर दी है
तेरे हाथों में है दिल हमेशा
तेरे प्यार में डूबा हुआ है दिल
फिर बेवफाई क्यों करें?
Continue reading...