Tuesday, September 9, 2008

तेरे लिए है ..

मेरे नग्मे, मेरे सप्ने
है तेरे लिए - है तेरे लिए

खुली आँखें ढूंढे तुझ्को
जो भर आए तो झुक जाए
तेरी छोटी सी हँसी के लिए
काएनात रुक जाए ..
ये ज़मीं से आसमां तक सभी
है तेरे लिए - है तेरे लिए


कोई पूछे तो हम कह्दे
ज़माना क्या दिया हमको,
तुझे माँगा जब भी माँगा
पर तुझे, क्या दिया हमको?
जिन्दगी में जो मिला है वो
है तेरे लिए - है तेरे लिए


12:39 AM 9/9/2008
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तुम ही तुम हो...

कैसे मैं कहदुं
तुम मेरे क्या हो,
तूफ़ान में जैसे
तुम असरा हो,
दिलमे समाई रहती हो हमारी
मेरी मंजिल हो तुम
तुमहि रास्ता हो

फूलों में तुम हो
फिज़ाओं में तुम हो
बोझल है साँसे
हवाओं में तुम हो,
दिलसे निकलके जो पहोचे दिलतक
उन सदाओं में हो तुम
मेरी आहो में तुम हो

12:25 AM 9/9/2008
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