Sunday, April 12, 2009

तेरे दोस्त हैं यहीं


अपनी ज़हेन में झांक के देख
तेरे दोस्त हैं यहीं

अपने आप में ढून्द्के देख
तेरे दोस्त हैं यहीं

हवायों में देख
फिजाओं में देख
हर वो आइना, जो टूट चूका है
हर वो पल, जो बीत चूका है
उन लम्हों में देख
तेरे दोस्त हैं यहीं

अपने उम्मीदों से पूछ
अपने दिल की गहराईयों से पूछ
हर वो धड़कन, जो धड़क चूका है
हर वो जाम, जो छलक चूका है
उन खाली पय्मानो से पूछ
तेरे दोस्त हैं यहीं

और अगर फिरभी ना मिले कोई
तो ए यार मेरे
मेरे पास आ, तेरा भुला हुआ वो दोस्त
यहाँ है... यहीं पर है


Crossposted at: The Writers Lounge on March 18, 2009

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