Sunday, April 12, 2009

है तुझे कसम

है तुझे कसम
तूफान में घिरके ना खोना अपने आपको
हर रह तेरी होगी बुलंदियों की और ।

है तुझे कसम
अपनी मौत ना बना लेना अपने खौफ को
उम्मीद से बांधले अपनी जीवन की डोर ॥

है तुझे कसम
काँटों को करने दे अपनी राहों की हिफाज़त
काँटों से घबराकर चलना ना छोर ।

है तुझे कसम
ये जीवन है सुख और दुःख की बनावट
दुःख से घबरा कर अपनी रहे ना मोर ।।


Crossposted at: The Writers Lounge on March 18, 2009

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