Thursday, July 31, 2008

कब मिलेंगे तेरे मेरे राहें?

ये दिल कभी तो तेरे पास है
बहोत ही खास है
और कभी तुझसे दूर जाना चाहे ...

ये दिल तेरा हो गया है
तुझमे ही खोया है
पर फिरभी तुझको पाना चाहे ...

सोचूं में हर घरी बस येही अब
कब मिलेंगे तेरे मेरे राहें?

जब में देखूं तुझे दूर से
लगती हैं तू अजनबी
जब मेरे पास होती है तू
खिल उठती है मेरी जिन्दगी

तू कहीं भी रहे पर जनले ये
तुझतक आती है मेरी सदाएं!

8:18 PM 7/31/2008


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