Thursday, July 31, 2008

कब मिलेंगे तेरे मेरे राहें?

ये दिल कभी तो तेरे पास है
बहोत ही खास है
और कभी तुझसे दूर जाना चाहे ...

ये दिल तेरा हो गया है
तुझमे ही खोया है
पर फिरभी तुझको पाना चाहे ...

सोचूं में हर घरी बस येही अब
कब मिलेंगे तेरे मेरे राहें?

जब में देखूं तुझे दूर से
लगती हैं तू अजनबी
जब मेरे पास होती है तू
खिल उठती है मेरी जिन्दगी

तू कहीं भी रहे पर जनले ये
तुझतक आती है मेरी सदाएं!

8:18 PM 7/31/2008


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Sunday, July 13, 2008

ज़रा ज़रा

तुमसे युहीं मिलके
राज़ सारे दिलके
खोले मन् ज़रा ज़रा
खोले मन् ज़रा ज़रा

दिलमे मेरे तुम हो
धडकनों में तुम हो
फिर भी न जाने क्यों तुम
रहती गुमसुम हो
दिल की हर बात आज
बोलो तुम ज़रा ज़रा
बोलो तुम ज़रा ज़रा

महफिलों में दिल आज
रहता अकेला है
सागर नदी के पास है पर
बहता अकेला है
आओ मेरे साथ आज
दोलो तुम ज़रा ज़रा
दोलो तुम ज़रा ज़रा


3:52 PM 6/25/2008

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